देवउठनी एकादशी का पर्व आज

देवउठनी एकादशी का पर्व आज

देवउठनी एकादशी का पर्व आज

देवउठनी एकादशी का पर्व आज

आज देवउठनी एकादशी का पर्व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार  आज का दिन न केवल श्री हरि का पूजन ही नहीं बल्कि इस दिन विधि वत रूप से तुलसी विवाह को संपन्न करने का महत्व है। तो वहीं चूंकि वास्तु शास्त्र में तुलसी के पौधे का अहम महत्व है। इसलिए इसके पूजन  किया जाता है। मान्यता है कि तुलसी के पौधे का विधि वत पूजन करने से अनेकों लाभ प्राप्त होते हैं। परंतु बहुत से लोग हैं जो इस बात से अंजान है कि किस विधि से तुलसी के पौधी की पूजा करनी चाहिए। इतना ही नही इसमें तुलसी से जुड़ी कई बातें वर्णन है, जिसके बारे में उन लोगों को पता होना चाहिए कि इस घर में कैसा रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं ये तमाम खास जानकारी- 

मान्यताएं के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी माता का शालिग्राम के साथ विवाह संपन्न किया जाता है। जिन लोगों के घर में तुलसी का पौधा होता है उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर में तुलसी का पौधा कभी मुरझाए नहीं। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं पनपता वहां खुशियां नहीं आती। तो ऐसे में क्या करना चाहिए जानें यहां- 

तुलसी के पौधे को ईशान या आग्नेय कोण में रखना चाहिए,  साथ ही साथ तुलसी के पौधे वाली जगह को हमेशा साफ जगह पर रखें।
इस बात का खास ध्यान रखें कि तुलसी का पौधा तेज धूप से मुरझा जाता है, इसलिए इसे हल्की गुनगुनी धूम में ही रखना चाहिए। कहा जाता है कि ज्यादा ठंड या गर्मी से तुलसी समाप्त हो जाती है। इसलिए ठंड में तुलसी माता के आसपास कपड़े या कांच का कवर लगाएं। 

तुलसी के पौधे को अधिक मात्रा में भी जल अर्पित नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से उसकी जड़ें गल जाती, तो वही कम जल अर्पित जाए तो वह सूख जाता है। कहा जाता है एक दिन छोड़कर भी तुलसी के पौधे को पानी अर्पण कर सकते हैं। 
 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रविवार और एकादशी के दिन तुलसी महारानी ठाकुर जी के लिए व्रत रखती है। वह केवल इन्हीं दो दिनों विश्राम करती और निंद्रा लेती हैं।
समय-समय पर तुलसी की मं‍जरियों को तोड़कर तुलसी से अलग करते रहें अन्यथा तुलसी बीमार होकर सूख जाती है। कहते हैं कि जब तक यह मंजरियां तुलसी माता के शीश पर रहती है तब तक वह घोर कष्ट में रहती है। 

तुसली पत्ता, दल या मंजरी तोड़ने से पहले तुलसी जी की आज्ञा लेना जरूरी है।  लेकिन ये ध्यान रखें कि रविवार और एकादशी को इसे न तोड़े और नाखुनों से तुलसी को कभी नहीं तोड़ना चाहिए।

पीरियड्स के दौरान महिलाओं को तुलसी माता से दूर रहना चाहिए। कहा जाता है इस दौरान अगर वे तुलसी के आसपास जाती हैं तो तुलसी मुरझा जाती है। अत: इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

प्रतिदिन सुबह और शाम को तुलसी के समक्ष दीपक जलाएं। परंतु ध्यान रखें अगरबत्ती न जलाएं। अगर आप अगरबत्ती जला रहे हैं तो यह जान लें कि धुआं कहीं हानिकारक तो नहीं है और इसे उचित दूरी पर ही रखेँ। 

तुलसी माता के आसपास केले का या खुशबूदार पौधा लगाना शुभ होता है, इससे नकारात्मकता पौधे से दूर रहती है। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा गमले में लगा हो तो उसमें शालिग्राम का रखें और रोजाना इस पर चंदन लगाएं। यदि शलिग्राम न हो तो 2 या 4 गोल चिकने पत्तर रख सकते हैं